RBI ने सिबिल स्कोर को लेकर जारी किए नए नियम CIBIL Score Rule

By Meera Sharma

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CIBIL Score Rule

CIBIL Score Rule: भारतीय रिजर्व बैंक ने सिबिल स्कोर नियमों में एक क्रांतिकारी बदलाव किया है जो आम उपभोक्ताओं के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। नए नियम के अनुसार अब बैंकों और वित्तीय संस्थानों को हर पंद्रह दिन में क्रेडिट ब्यूरो को ग्राहकों का डेटा भेजना होगा। पहले यह प्रक्रिया महीने में केवल एक बार होती थी जिससे ग्राहकों को काफी परेशानी होती थी। यह नया नियम पहली जनवरी 2025 से लागू हो गया है और इसका मुख्य उद्देश्य क्रेडिट रिपोर्टिंग सिस्टम को अधिक पारदर्शी और समयानुकूल बनाना है। इस बदलाव से ग्राहकों की वित्तीय गतिविधियों का तुरंत प्रभाव उनके क्रेडिट स्कोर पर दिखाई देगा।

पुराने सिस्टम की समस्याएं

पहले की व्यवस्था में जब कोई व्यक्ति अपनी लोन की किश्त या क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर चुकाता था तो इस सकारात्मक जानकारी को क्रेडिट रिपोर्ट में दिखने में कई हफ्ते लग जाते थे। इससे ग्राहक का सिबिल स्कोर समय पर अपडेट नहीं होता था और नया लोन लेते समय उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ता था। कई बार तो समय पर भुगतान करने के बावजूद भी ग्राहकों को पुराने डेटा के आधार पर लोन से मना कर दिया जाता था। यह स्थिति न केवल ग्राहकों के लिए निराशाजनक थी बल्कि बैंकों के लिए भी गलत निर्णय लेने का कारण बनती थी। देरी से रिपोर्टिंग के कारण कई योग्य ग्राहकों को उचित वित्तीय सेवाओं से वंचित रहना पड़ता था।

नए नियम के फायदे

नए सिबिल स्कोर नियम से ग्राहकों को अनेक लाभ मिलेंगे। सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब रिपोर्टिंग सिस्टम तेज हो जाएगा और ग्राहकों के समय पर भुगतान का सकारात्मक प्रभाव जल्दी उनके स्कोर पर दिखेगा। बैंकों को अब ताजा और सटीक डेटा मिलेगा जिससे लोन की मंजूरी में देरी नहीं होगी। पहले गलत या पुराने स्कोर के कारण जो नुकसान होता था वह अब कम हो जाएगा। इसके अलावा नए नियम एवरग्रीनिंग प्रथा पर भी रोक लगाएंगे जिससे पुराने कर्ज को नए कर्ज से छुपाना मुश्किल हो जाएगा। यह व्यवस्था पूरी बैंकिंग प्रणाली को अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनाएगी।

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क्रेडिट स्कोर की श्रेणियां

सिबिल स्कोर तीन सौ से नौ सौ के बीच होता है और इसकी अलग-अलग श्रेणियां हैं। तीन सौ से पांच सौ उन्नासी तक का स्कोर खराब माना जाता है। पांच सौ अस्सी से छह सौ उनहत्तर तक औसत श्रेणी में आता है। छह सौ सत्तर से सात सौ उनतालीस तक अच्छा स्कोर माना जाता है। सात सौ चालीस से सात सौ निन्यानवे बहुत अच्छी श्रेणी है और आठ सौ से ऊपर का स्कोर उत्कृष्ट माना जाता है। सात सौ से ऊपर का स्कोर होने पर बैंक आसानी से लोन देते हैं और आठ सौ से ऊपर होने पर बेहतर ब्याज दरें भी मिलती हैं।

सबसे ज्यादा लाभ किसे होगा

इस नए नियम से सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होगा जो समय पर अपनी किश्तें चुकाते हैं। फ्रीलांसर, नौकरीपेशा लोग और छात्र जिनकी आय सीमित होती है वे अपनी साख को जल्दी बेहतर बना पाएंगे। बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को भी लाभ होगा क्योंकि उन्हें अब पुराना डेटा नहीं देखना पड़ेगा जिससे जोखिम कम होगा। नियमित भुगतान करने वाले ग्राहकों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे वित्तीय सेवाओं का बेहतर उपयोग कर सकेंगे।

अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। सिबिल स्कोर और क्रेडिट संबंधी नवीनतम नियमों की जानकारी के लिए आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित वित्तीय संस्थान से संपर्क करें।

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Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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